< مَتَّى 4 >
ثُمَّ أُصْعِدَ يَسُوعُ إِلَى ٱلْبَرِّيَّةِ مِنَ ٱلرُّوحِ لِيُجَرَّبَ مِنْ إِبْلِيسَ. | ١ 1 |
उस वक़्त रूह ईसा को जंगल में ले गया ताकि इब्लीस से आज़माया जाए।
فَبَعْدَ مَا صَامَ أَرْبَعِينَ نَهَارًا وَأَرْبَعِينَ لَيْلَةً، جَاعَ أَخِيرًا. | ٢ 2 |
और चालीस दिन और चालीस रात फ़ाक़ा कर के आख़िर को उसे भूख लगी।
فَتَقَدَّمَ إِلَيْهِ ٱلْمُجَرِّبُ وَقَالَ لَهُ: «إِنْ كُنْتَ ٱبْنَ ٱللهِ فَقُلْ أَنْ تَصِيرَ هَذِهِ ٱلْحِجَارَةُ خُبْزًا». | ٣ 3 |
और आज़माने वाले ने पास आकर उस से कहा “अगर तू ख़ुदा का बेटा है तो फ़रमा कि ये पत्थर रोटियाँ बन जाएँ।”
فَأَجَابَ وَقَالَ: «مَكْتُوبٌ: لَيْسَ بِٱلْخُبْزِ وَحْدَهُ يَحْيَا ٱلْإِنْسَانُ، بَلْ بِكُلِّ كَلِمَةٍ تَخْرُجُ مِنْ فَمِ ٱللهِ». | ٤ 4 |
उस ने जवाब में कहा, “लिखा है आदमी सिर्फ़ रोटी ही से ज़िन्दा न रहेगा; बल्कि हर एक बात से जो ख़ुदा के मुँह से निकलती है।”
ثُمَّ أَخَذَهُ إِبْلِيسُ إِلَى ٱلْمَدِينَةِ ٱلْمُقَدَّسَةِ، وَأَوْقَفَهُ عَلَى جَنَاحِ ٱلْهَيْكَلِ، | ٥ 5 |
तब इब्लीस उसे मुक़द्दस शहर में ले गया और हैकल के कंगूरे पर खड़ा करके उस से कहा।
وَقَالَ لَهُ: «إِنْ كُنْتَ ٱبْنَ ٱللهِ فَٱطْرَحْ نَفْسَكَ إِلَى أَسْفَلُ، لِأَنَّهُ مَكْتُوبٌ: أَنَّهُ يُوصِي مَلَائِكَتَهُ بِكَ، فَعَلَى أيَادِيهِمْ يَحْمِلُونَكَ لِكَيْ لَا تَصْدِمَ بِحَجَرٍ رِجْلَكَ». | ٦ 6 |
“अगर तू ख़ुदा का बेटा है तो अपने आपको नीचे गिरा दे; क्यूँकि लिखा है कि वह तेरे बारे में अपने फ़रिश्तों को हुक्म देगा, और वह तुझे अपने हाथों पर उठा लेंगे ताकि ऐसा न हो कि तेरे पैर को पत्थर से ठेस लगे’।”
قَالَ لَهُ يَسُوعُ: «مَكْتُوبٌ أَيْضًا: لَا تُجَرِّبِ ٱلرَّبَّ إِلَهَكَ». | ٧ 7 |
ईसा ने उस से कहा, “ये भी लिखा है; तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की आज़माइश न कर।”
ثُمَّ أَخَذَهُ أَيْضًا إِبْلِيسُ إِلَى جَبَلٍ عَالٍ جِدًّا، وَأَرَاهُ جَمِيعَ مَمَالِكِ ٱلْعَالَمِ وَمَجْدَهَا، | ٨ 8 |
फिर इब्लीस उसे एक बहुत ऊँचे पहाड़ पर ले गया, और दुनिया की सब सल्तनतें और उन की शान — ओ शौकत उसे दिखाई।
وَقَالَ لَهُ: «أُعْطِيكَ هَذِهِ جَمِيعَهَا إِنْ خَرَرْتَ وَسَجَدْتَ لِي». | ٩ 9 |
और उससे कहा कि अगर तू झुक कर मुझे सज्दा करे तो ये सब कुछ तुझे दे दूँगा
حِينَئِذٍ قَالَ لَهُ يَسُوعُ: «ٱذْهَبْ ياشَيْطَانُ! لِأَنَّهُ مَكْتُوبٌ: لِلرَّبِّ إِلَهِكَ تَسْجُدُ وَإِيَّاهُ وَحْدَهُ تَعْبُدُ». | ١٠ 10 |
ईसा ने उस से कहा, “ऐ शैतान दूर हो क्यूँकि लिखा है, तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा को सज्दा कर और सिर्फ़ उसी की इबादत कर।”
ثُمَّ تَرَكَهُ إِبْلِيسُ، وَإِذَا مَلَائِكَةٌ قَدْ جَاءَتْ فَصَارَتْ تَخْدِمُهُ. | ١١ 11 |
तब इब्लीस उस के पास से चला गया; और देखो फ़रिश्ते आ कर उस की ख़िदमत करने लगे।
وَلَمَّا سَمِعَ يَسُوعُ أَنَّ يُوحَنَّا أُسْلِمَ، ٱنْصَرَفَ إِلَى ٱلْجَلِيلِ. | ١٢ 12 |
जब उस ने सुना कि यूहन्ना पकड़वा दिया गया तो गलील को रवाना हुआ;
وَتَرَكَ ٱلنَّاصِرَةَ وَأَتَى فَسَكَنَ فِي كَفْرَنَاحُومَ ٱلَّتِي عِنْدَ ٱلْبَحْرِ فِي تُخُومِ زَبُولُونَ وَنَفْتَالِيمَ، | ١٣ 13 |
और नासरत को छोड़ कर कफ़रनहूम में जा बसा जो झील के किनारे ज़बलून और नफ़्ताली की सरहद पर है।
لِكَيْ يَتِمَّ مَا قِيلَ بِإِشَعْيَاءَ ٱلنَّبِيِّ ٱلْقَائِلِ: | ١٤ 14 |
ताकि जो यसा'याह नबी की मारिफ़त कहा गया था, वो पूरा हो।
«أَرْضُ زَبُولُونَ، وَأَرْضُ نَفْتَالِيمَ، طَرِيقُ ٱلْبَحْرِ، عَبْرُ ٱلْأُرْدُنِّ، جَلِيلُ ٱلْأُمَمِ. | ١٥ 15 |
“ज़बलून का इलाक़ा, और नफ़्ताली का इलाक़ा, दरिया की राह यर्दन के पार, ग़ैर क़ौमों की गलील:
ٱلشَّعْبُ ٱلْجَالِسُ فِي ظُلْمَةٍ أَبْصَرَ نُورًا عَظِيمًا، وَٱلْجَالِسُونَ فِي كُورَةِ ٱلْمَوْتِ وَظِلَالِهِ أَشْرَقَ عَلَيْهِمْ نُورٌ». | ١٦ 16 |
या'नी जो लोग अन्धेरे में बैठे थे, उन्होंने बड़ी रौशनी देखी; और जो मौत के मुल्क और साए में बैठे थे, उन पर रोशनी चमकी।”
مِنْ ذَلِكَ ٱلزَّمَانِ ٱبْتَدَأَ يَسُوعُ يَكْرِزُ وَيَقُولُ: «تُوبُوا لِأَنَّهُ قَدِ ٱقْتَرَبَ مَلَكُوتُ ٱلسَّمَاوَاتِ». | ١٧ 17 |
उस वक़्त से ईसा ने एलान करना और ये कहना शुरू किया “तौबा करो, क्यूँकि आस्मान की बादशाही नज़दीक आ गई है।”
وَإِذْ كَانَ يَسُوعُ مَاشِيًا عِنْدَ بَحْرِ ٱلْجَلِيلِ أَبْصَرَ أَخَوَيْنِ: سِمْعَانَ ٱلَّذِي يُقَالُ لَهُ بُطْرُسُ، وَأَنْدَرَاوُسَ أَخَاهُ يُلْقِيَانِ شَبَكَةً فِي ٱلْبَحْرِ، فَإِنَّهُمَا كَانَا صَيَّادَيْنِ. | ١٨ 18 |
उस ने गलील की झील के किनारे फिरते हुए दो भाइयों या'नी शमौन को जो पतरस कहलाता है; और उस के भाई अन्द्रियास को। झील में जाल डालते देखा, क्यूँकि वह मछली पकड़ने वाले थे।
فَقَالَ لَهُمَا: «هَلُمَّ وَرَائِي فَأَجْعَلُكُمَا صَيَّادَيِ ٱلنَّاسِ». | ١٩ 19 |
और उन से कहा, “मेरे पीछे चले आओ, मैं तुम को आदमी पकड़ने वाला बनाऊँगा।”
فَلِلْوَقْتِ تَرَكَا ٱلشِّبَاكَ وَتَبِعَاهُ. | ٢٠ 20 |
वो फ़ौरन जाल छोड़ कर उस के पीछे हो लिए।
ثُمَّ ٱجْتَازَ مِنْ هُنَاكَ فَرَأَى أَخَوَيْنِ آخَرَيْنِ: يَعْقُوبَ بْنَ زَبْدِي وَيُوحَنَّا أَخَاهُ، فِي ٱلسَّفِينَةِ مَعَ زَبْدِي أَبِيهِمَا يُصْلِحَانِ شِبَاكَهُمَا، فَدَعَاهُمَا. | ٢١ 21 |
वहाँ से आगे बढ़ कर उस ने और दो भाइयों या'नी, ज़ब्दी के बेटे याक़ूब और उस के भाई यूहन्ना को देखा। कि अपने बाप ज़ब्दी के साथ नाव पर अपने जालों की मरम्मत कर रहे हैं। और उन को बुलाया।
فَلِلْوَقْتِ تَرَكَا ٱلسَّفِينَةَ وَأَبَاهُمَا وَتَبِعَاهُ. | ٢٢ 22 |
वह फ़ौरन नाव और अपने बाप को छोड़ कर उस के पीछे हो लिए।
وَكَانَ يَسُوعُ يَطُوفُ كُلَّ ٱلْجَلِيلِ يُعَلِّمُ فِي مَجَامِعِهِمْ، وَيَكْرِزُ بِبِشَارَةِ ٱلْمَلَكُوتِ، وَيَشْفِي كُلَّ مَرَضٍ وَكُلَّ ضَعْفٍ فِي ٱلشَّعْبِ. | ٢٣ 23 |
ईसा पुरे गलील में फिरता रहा, और उनके इबादतख़ानों में तालीम देता, और बादशाही की ख़ुशख़बरी का एलान करता और लोगों की हर तरह की बीमारी और हर तरह की कमज़ोरी को दूर करता रहा।
فَذَاعَ خَبَرُهُ فِي جَمِيعِ سُورِيَّةَ. فَأَحْضَرُوا إِلَيْهِ جَمِيعَ ٱلسُّقَمَاءِ ٱلْمُصَابِينَ بِأَمْرَاضٍ وَأَوْجَاعٍ مُخْتَلِفَةٍ، وَٱلْمَجَانِينَ وَٱلْمَصْرُوعِينَ وَٱلْمَفْلُوجِينَ، فَشَفَاهُمْ. | ٢٤ 24 |
और उस की शोहरत पूरे सूब — ए — सूरिया में फैल गई, और लोग सब बिमारों को जो तरह — तरह की बीमारियों और तकलीफ़ों में गिरफ़्तार थे; और उन को जिन में बदरूहें थी, और मिर्गी वालों और मफ़्लूजों को उस के पास लाए और उसने उन को अच्छा किया।
فَتَبِعَتْهُ جُمُوعٌ كَثِيرَةٌ مِنَ ٱلْجَلِيلِ وَٱلْعَشْرِ ٱلْمُدُنِ وَأُورُشَلِيمَ وَٱلْيَهُودِيَّةِ وَمِنْ عَبْرِ ٱلْأُرْدُنِّ. | ٢٥ 25 |
और गलील, और दिकपुलिस, और येरूशलेम, और यहूदिया और यर्दन के पार से बड़ी भीड़ उसके पीछे हो ली।