< اَلْمَزَامِيرُ 81 >

لِإِمَامِ ٱلْمُغَنِّينَ عَلَى «ٱلْجَتِّيَّةِ». لِآسَافَ رَنِّمُوا لِلهِ قُوَّتِنَا. ٱهْتِفُوا لِإِلَهِ يَعْقُوبَ. ١ 1
संगीत निर्देशक के लिये. गित्तीथ पर आधारित. आसफ की रचना. परमेश्वर के लिए, जो हमारा बल हैं, आनंद के साथ गाओ; याकोब के परमेश्वर के लिए उच्च स्वरनाद करो!
ٱرْفَعُوا نَغْمَةً وَهَاتُوا دُفًّا، عُودًا حُلْوًا مَعَ رَبَابٍ. ٢ 2
संगीत प्रारंभ हो, किन्‍नोर के साथ नेबेल के वादन से, मधुर ध्वनि उत्पन्‍न की जाए.
ٱنْفُخُوا فِي رَأْسِ ٱلشَّهْرِ بِٱلْبُوقِ، عِنْدَ ٱلْهِلَالِ لِيَوْمِ عِيدِنَا. ٣ 3
नवचंद्र के अवसर पर शोफ़ार बजाओ, वैसे ही पूर्णिमा के अवसर पर, जब हमारा उत्सव होता है;
لِأَنَّ هَذَا فَرِيضَةٌ لِإِسْرَائِيلَ، حُكْمٌ لِإِلَهِ يَعْقُوبَ. ٤ 4
इस्राएल के लिए यह विधि है, यह याकोब के परमेश्वर का नियम है.
جَعَلَهُ شَهَادَةً فِي يُوسُفَ عِنْدَ خُرُوجِهِ عَلَى أَرْضِ مِصْرَ. سَمِعْتُ لِسَانًا لَمْ أَعْرِفْهُ: ٥ 5
जब परमेश्वर मिस्र देश के विरुद्ध प्रतिकार के लिए कटिबद्ध हुए, उन्होंने इसे योसेफ़ के लिए अधिनियम स्वरूप बसा दिया. जहां हमने वह भाषा सुनी, जो हमारी समझ से परे थी:
«أَبْعَدْتُ مِنَ ٱلْحِمْلِ كَتِفَهُ. يَدَاهُ تَحَوَّلَتَا عَنِ ٱلسَّلِّ. ٦ 6
“प्रभु ने कहा, मैंने उनके कांधों से बोझ उतार दिया; टोकरी ढोने के कार्य से वे स्वतंत्र हो गए.
فِي ٱلضِّيقِ دَعَوْتَ فَنَجَّيْتُكَ. ٱسْتَجَبْتُكَ فِي سِتْرِ ٱلرَّعْدِ. جَرَّبْتُكَ عَلَى مَاءِ مَرِيبَةَ. سِلَاهْ. ٧ 7
जब तुम पर संकट का अवसर आया, तुमने मुझे पुकारा और मैंने तुम्हें छुड़ा लिया, मेघ गरजना में से मैंने तुम्हें उत्तर दिया; मेरिबाह जल पर मैंने तुम्हारी परीक्षा ली.
«اِسْمَعْ يَا شَعْبِي فَأُحَذِّرَكَ. يَا إِسْرَائِيلُ، إِنْ سَمِعْتَ لِي! ٨ 8
मेरी प्रजा, मेरी सुनो, कि मैं तुम्हें चिता सकूं, इस्राएल, यदि तुम मात्र मेरी ओर ध्यान दे सको!
لَا يَكُنْ فِيكَ إِلَهٌ غَرِيبٌ، وَلَا تَسْجُدْ لِإِلَهٍ أَجْنَبِيٍّ. ٩ 9
तुम्हारे मध्य वे देवता न पाए जाएं, जो वस्तुतः अनुपयुक्त हैं; तुम उन देवताओं की वंदना न करना.
أَنَا ٱلرَّبُّ إِلَهُكَ، ٱلَّذِي أَصْعَدَكَ مِنْ أَرْضِ مِصْرَ. أَفْغِرْ فَاكَ فَأَمْلَأَهُ. ١٠ 10
मैं, याहवेह, तुम्हारा परमेश्वर हूं, जो तुम्हें मिस्र देश से छुड़ाकर लाया हूं. तुम अपना मुख पूरा-पूरा खोलो कि मैं उसे भर दूं.
فَلَمْ يَسْمَعْ شَعْبِي لِصَوْتِي، وَإِسْرَائِيلُ لَمْ يَرْضَ بِي. ١١ 11
“किंतु मेरी प्रजा ने मेरी नहीं सुनी; इस्राएल ने मेरी आज्ञा नहीं मानी.
فَسَلَّمْتُهُمْ إِلَى قَسَاوَةِ قُلُوبِهِمْ، لِيَسْلُكُوا فِي مُؤَامَرَاتِ أَنْفُسِهِمْ. ١٢ 12
तब मैंने उसे उसी के हठीले हृदय के अधीन छोड़ दिया, कि वह अपनी ही युक्तियों की पूर्ति करती रहे.
لَوْ سَمِعَ لِي شَعْبِي، وَسَلَكَ إِسْرَائِيلُ فِي طُرُقِي، ١٣ 13
“यदि मेरी प्रजा मात्र मेरी आज्ञा का पालन कर ले, यदि इस्राएल मेरी शिक्षा का पालन कर ले,
سَرِيعًا كُنْتُ أُخْضِعُ أَعْدَاءَهُمْ، وَعَلَى مُضَايِقِيهِمْ كُنْتُ أَرُدُّ يَدِي. ١٤ 14
शीघ्र मैं उसके शत्रुओं का पीछा करूंगा, और उसके शत्रुओं पर मेरा प्रहार होगा!
مُبْغِضُو ٱلرَّبِّ يَتَذَلَّلُونَ لَهُ، وَيَكُونُ وَقْتُهُمْ إِلَى ٱلدَّهْرِ. ١٥ 15
जो याहवेह से घृणा करते हैं, वे आज्ञाकारिता का दिखावा करेंगे और उनको बड़ा दंड होगा.
وَكَانَ أَطْعَمَهُ مِنْ شَحْمِ ٱلْحِنْطَةِ، وَمِنَ ٱلصَّخْرَةِ كُنْتُ أُشْبِعُكَ عَسَلًا». ١٦ 16
किंतु तुम्हारा आहार होगा सर्वोत्तम गेहूं; मैं तुम्हें चट्टान के उत्कृष्ट मधु से तृप्‍त करूंगा.”

< اَلْمَزَامِيرُ 81 >