< عَدَد 19 >

وَقَالَ الرَّبُّ لِمُوسَى وَهَرُونَ: ١ 1
इसके बाद याहवेह ने मोशेह तथा अहरोन को आज्ञा दी:
«هَذِهِ هِيَ مُتَطَلَّبَاتُ الشَّرِيعَةِ الَّتِي آمُرُ بِها: قُلْ لِبَنِي إِسْرَائِيلَ أَنْ يَأْتُوكَ بِبَقَرَةٍ حَمْرَاءَ سَلِيمَةٍ خَالِيَةٍ مِنْ كُلِّ عَيْبٍ، لَمْ يَعْلُهَا نِيرٌ، ٢ 2
“इस व्यवस्था की विधि जो याहवेह ने दी, वह इस प्रकार है: इस्राएल के घराने को आज्ञा दो कि वे एक ऐसी बछिया लेकर आएं, जो लाल रंग की हो, जिसमें किसी प्रकार का दोष न हो तथा जिस पर जूआ कभी भी न रखा गया हो.
فَتُعْطُونَهَا لأَلِعَازَارَ الْكَاهِنِ، لِيَأْخُذَهَا إِلَى خَارِجِ الْمُخَيَّمِ وَتُذْبَحُ أَمَامَهُ. ٣ 3
तुम ऐसी बछिया पुरोहित एलिएज़र को सौंपोगे. फिर यह बछिया छावनी के बाहर ले जाई जाएगी, तथा एलिएज़र की उपस्थिति में उसका वध किया जाए.
وَيَغْمِسُ الْكَاهِنُ إِصْبَعَهُ بِدَمِهَا وَيَرُشُّ مِنْهُ نَحْوَ وَجْهِ خَيْمَةِ الاجْتِمَاعِ سَبْعَ مَرَّاتٍ. ٤ 4
इसके बाद पुरोहित एलिएज़र उसके रक्त की कुछ मात्रा अपनी उंगली में लेकर कुछ रक्त मिलनवाले तंबू के सामने की ओर सात बार छिड़केगा.
وَتُحْرَقُ الْبَقَرَةُ بِجِلْدِهَا وَلَحْمِهَا وَدَمِهَا مَعَ فَرْثِهَا عَلَى مَشْهَدٍ مِنْهُ، ٥ 5
इसके बाद उसके देखते-देखते वह बछिया जला दी जाएगी.
ثُمَّ يَأْخُذُ خَشَبَ أَرْزٍ وَزُوفَا، وَخَيْطاً أَحْمَرَ، وَيَطْرَحُهَا فِي وَسَطِ النِّيرَانِ. ٦ 6
इस अवसर पर पुरोहित देवदार की लकड़ी, जूफ़ा झाड़ी तथा लाल रंग की डोरी उस भस्म हो रही बछिया में डाल देगा.
ثُمَّ يَغْسِلُ الْكَاهِنُ ثِيَابَهُ وَيَسْتَحِمُّ بِمَاءٍ، وَبَعْدَ ذَلِكَ يَدْخُلُ الْمُخَيَّمَ، وَيَظَلُّ الْكَاهِنُ نَجِساً إِلَى الْمَسَاءِ. ٧ 7
फिर पुरोहित अपने वस्त्र धोकर स्‍नान करेगा और शिविर में लौट आएगा, किंतु शाम तक वह सांस्कारिक रूप से अपवित्र रहेगा.
وَيَغْسِلُ الرَّجُلُ الَّذِي أَحْرَقَ الْبَقَرَةَ ثِيَابَهُ بِمَاءٍ وَيَسْتَحِمُّ، وَيَظَلُّ أَيْضاً نَجِساً إِلَى الْمَسَاءِ. ٨ 8
वह व्यक्ति, जो बछिया को जलाता है, वह अपने वस्त्रों को धोएगा तथा स्‍नान करेगा तथा शाम तक सांस्कारिक रूप से अपवित्र रहेगा.
وَيَجْمَعُ رَجُلٌ طَاهِرٌ رَمَادَ الْبَقَرَةِ وَيُلْقِيهِ خَارِجَ الْمُخَيَّمِ فِي مَوْضِعٍ طَاهِرٍ، فَيَظَلُّ مَحْفُوظاً لِجَمَاعَةِ إِسْرَائِيلَ لاِسْتِخْدَامِهِ فِي مَاءِ التَّطْهِيرِ. إِنَّهَا ذَبِيحَةُ خَطِيئَةٍ. ٩ 9
“इसके बाद एक ऐसा व्यक्ति, जो सांस्कारिक रूप से शुद्ध है, उस बछिया की राख इकट्ठा कर शिविर के बाहर स्वच्छ स्थान पर रख देगा. इस्राएलियों की सभा इसका इस्तेमाल अपवित्रता दूर करने के लिए उसी प्रकार करेंगे, जिस प्रकार जल अशुद्धता दूर करने के लिए इस्तेमाल करते हैं; यह पाप शुद्धि के लिए प्रयोग होगा.
وَعَلَى مَنْ جَمَعَ رَمَادَ الْبَقَرَةِ أَنْ يَغْسِلَ ثِيَابَهُ وَيَظَلَّ نَجِساً إِلَى الْمَسَاءِ، فَتَكُونُ هَذِهِ فَرِيضَةً دَائِمَةً لِبَنِي إِسْرَائِيلَ وَلِلْغَرِيبِ الْمُقِيمِ فِي وَسَطِهِمْ. ١٠ 10
वह व्यक्ति, जो बछिया की राख इकट्ठा करता है, अपने वस्त्रों को धोएगा तथा वह शाम तक सांस्कारिक रूप से अपवित्र रहेगा. यह इस्राएलियों के लिए तथा उनके बीच रह रहे विदेशियों के लिए हमेशा की विधि रहेगी.
مَنْ لَمَسَ جُثْمَانَ إِنْسَانٍ مَيْتٍ يَبْقَى نَجِساً سَبْعَةَ أَيَّامٍ، ١١ 11
“यदि कोई व्यक्ति किसी के शव से छू जाए तो वह सांस्कारिक रूप से सात दिन तक अपवित्र रहेगा.
وَعَلَيْهِ أَنْ يَتَطَهَّرَ بِمَاءِ التَّطْهِيرِ فِي الْيَوْمِ الثَّالِثِ، وَفِي الْيَوْمِ السَّابِعِ يُصْبِحُ طَاهِراً. وَإِنْ لَمْ يَتَطَهَّرْ فِي الْيَوْمِ الثَّالِثِ، فَلا يَكُونُ طَاهِراً فِي الْيَوْمِ السَّابِعِ. ١٢ 12
वह अपनी इस अपवित्रता को तीसरे दिन तथा सातवें दिन जल से दूर करेगा और उसकी अपवित्रता दूर हो जाएगी; किंतु यदि वह तीसरे एवं सातवें दिन स्वयं को शुद्ध न कर सके, वह अपवित्र ही रह जाएगा.
كُلُّ مَنْ لَمَسَ جُثْمَانَ إِنْسَانٍ مَيْتٍ وَلَمْ يَتَطَهَّرْ، يُنَجِّسُ مَسْكَنَ الرَّبِّ، وَيَجِبُ اسْتِئْصَالُهُ مِنَ الشَّعْبِ لأَنَّهُ نَجِسٌ، إِذْ إِنَّ مَاءَ التَّطْهِيرِ لَمْ يُرَشَّ عَلَيْهِ. ١٣ 13
कोई भी जब किसी मरे हुए व्यक्ति की देह को छू लेता है और शुद्ध होने की प्रक्रिया पूर्ण नहीं करता, वह याहवेह के मिलनवाले तंबू को अपवित्र करता है; ऐसे व्यक्ति को इस्राएल से निकाल दिया जाए. इसलिये कि उस पर अपवित्रता से छुड़ानेवाले जल का छिड़काव नहीं किया गया था, वह अपवित्र ही रहेगा, उस पर उसकी अपवित्रता बनी हुई है.
أَمَّا شَرِيعَةُ مَنْ مَاتَ فِي خَيْمَةٍ، فَإِنَّ كُلَّ مَنْ دَخَلَ الْخَيْمَةَ وَكُلَّ مَنْ كَانَ فِيهَا، يَكُونُ نَجِساً سَبْعَةَ أَيَّامٍ. ١٤ 14
“शिविर में हुई किसी व्यक्ति की मृत्यु से संबंधित विधि यह है: हर एक व्यक्ति, जो उस शिविर में प्रवेश करता है, तथा हर एक, जो उस शिविर का निवासी है, सात दिन तक अशुद्ध रहेगा.
وَكُلُّ إِنَاءٍ مَفْتُوحٍ، لَا غِطَاءَ عَلَيْهِ، أَوْ غَيْرِ مُحْكَمِ السَّدِّ، يُصْبِحُ نَجِساً. ١٥ 15
हर एक बर्तन, जिस पर न तो ढक्कन रखा हुआ हो और न जिसका मुख बांधकर बंद किया गया हो, अपवित्र माना जाएगा.
وَكُلُّ مَنْ لَمَسَ عَلَى وَجْهِ الصَّحْرَاءِ قَتِيلاً بِسَيْفٍ أَوْ مَيْتاً، أَوْ عَظْمَ إِنْسَانٍ أَوْ قَبْراً، يَكُونُ نَجِساً سَبْعَةَ أَيَّامٍ. ١٦ 16
“इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति खुले मैदान अथवा खेत में किसी ऐसे व्यक्ति को छू लेता है, जो तलवार द्वारा मारा गया है या जिसकी मृत्यु स्वाभाविक रीति से हो चुकी है, अथवा उस व्यक्ति का स्पर्श किसी मनुष्य की हड्डी या किसी कब्र से हो जाता है, वह व्यक्ति सात दिन तक सांस्कारिक रूप से अपवित्र समझा जाएगा.
فَيَأْخُذُونَ لِلنَّجِسِ مِنْ غُبَارِ حَرِيقِ ذَبِيحَةِ الْخَطِيئَةِ، وَيُصَبُّ عَلَيْهِ مِنْ مَاءِ نَبْعٍ جَارٍ فِي إِنَاءٍ. ١٧ 17
“उस अशुद्ध व्यक्ति के लिए वे जलाई गई पापबलि की राख लेकर एक बर्तन में बहते हुए जल के साथ मिलाएंगे.
وَيَأْخُذُ رَجُلٌ طَاهِرٌ أَغْصَانَ الزُّوفَا وَيَغْمِسُهَا فِي الْمَاءِ، وَيَرُشُّهُ عَلَى الْخَيْمَةِ وَعَلَى جَمِيعِ الأَمْتِعَةِ، وَعَلَى كُلِّ مَنْ كَانَ حَاضِراً هُنَاكَ، وَعَلَى الَّذِي لَمَسَ الْعَظْمَ أَوِ الْقَتِيلَ أَوِ الْمَيْتَ أَوِ الْقَبْرَ. ١٨ 18
फिर सांस्कारिक रूप से शुद्ध व्यक्ति एक जूफ़ा लेकर इस मिश्रण में डुबोएगा और उसके शिविर पर, सारी सामग्री पर तथा उन सभी व्यक्तियों पर, जो वहां उपस्थित थे, तथा उस व्यक्ति पर छिड़काव कर देगा, जिसका स्पर्श उस हड्डी से या उस मारे हुए व्यक्ति से या स्वाभाविक रूप से मरे हुए व्यक्ति से या कब्र से हो गया था.
ثُمَّ يَرُشُّ الطَّاهِرُ مَاءَ التَّطْهِيرِ عَلَى النَّجِسِ فِي الْيَوْمِ الثَّالِثِ وَالْيَوْمِ السَّابِعِ، وَيُطَهِّرُهُ فِي الْيَوْمِ السَّابِعِ. وَعَلَى الْمُتَطَهِّرِ أَنْ يَغْسِلَ ثِيَابَهُ وَيَسْتَحِمَّ بِمَاءٍ فَيُصْبِحَ طَاهِراً فِي الْمَسَاءِ ١٩ 19
तब वह शुद्ध व्यक्ति अशुद्ध व्यक्ति पर तीसरे दिन भी छिड़काव करेगा तथा सातवें दिन भी. सातवें दिन वह उस अशुद्धता से पवित्र करने की प्रक्रिया पूरी कर चुकेगा. वह अपने वस्त्रों को धोएगा तथा स्‍नान करेगा तथा वह शाम तक पूरी तरह से शुद्ध हो जाएगा.
أَمَّا الَّذِي يَتَنَجَّسُ وَلا يَتَطَهَّرُ فَيُسْتَأْصَلُ مِنْ بَيْنِ الْجَمَاعَةِ، لأَنَّهُ نَجَّسَ مَقْدِسَ الرَّبِّ، وَلَمْ يُرَشَّ عَلَيْهِ مَاءُ التَّطْهِيرِ، فَظَلَّ نَجِساً. ٢٠ 20
किंतु वह व्यक्ति, जो सांस्कारिक रूप से अशुद्ध है और वह स्वयं को अपनी अशुद्धि से पवित्र नहीं करता, वह व्यक्ति इस्राएली समाज से निकाल दिया जाएगा, क्योंकि उसने याहवेह के पवित्र स्थान को दूषित किया है. उस पर अशुद्धता से छुड़ानेवाले जल का छिड़काव नहीं किया गया है, वह अपवित्र है.
وَتَكُونُ هَذِهِ لَكُمْ فَرِيضَةً دَائِمَةً. وَعَلَى مَنْ رَشَّ مَاءَ التَّطْهِيرِ أَنْ يَغْسِلَ ثِيَابَهُ. وَكُلُّ مَنْ لَمَسَ مَاءَ التَّطْهِيرِ يَكُونُ نَجِساً إِلَى الْمَسَاءِ. ٢١ 21
तब यह उनके लिए एक सदा की विधि होगी. “वह जो इस जल का छिड़काव करता है, अपने वस्त्र धोएगा, जो कोई उस जल को छूता है, शाम तक सांस्कारिक रूप से अपवित्र रहेगा.
وَأَيُّ شَيْءٍ يَلْمِسُهُ النَّجِسُ يُصْبِحُ نَجِساً، وَكُلُّ مَنْ يَلْمِسُهُ الشَّيْءُ الْمُتَنَجِّسُ يُصْبِحُ نَجِساً إِلَى الْمَسَاءِ». ٢٢ 22
इसके अलावा हर एक वस्तु, जो उस अशुद्ध व्यक्ति द्वारा छुई गई हो, वह अपवित्र होगी, तथा वह व्यक्ति जो उसे छूता है शाम तक अपवित्र रहेगा.”

< عَدَد 19 >