< 詩篇 119 >

1 行為完全、遵行耶和華律法的, 這人便為有福!
आलेफ क्या ही धन्य हैं वे जो चाल के खरे हैं, और यहोवा की व्यवस्था पर चलते हैं!
2 遵守他的法度、一心尋求他的, 這人便為有福!
क्या ही धन्य हैं वे जो उसकी चितौनियों को मानते हैं, और पूर्ण मन से उसके पास आते हैं!
3 這人不做非義的事, 但遵行他的道。
फिर वे कुटिलता का काम नहीं करते, वे उसके मार्गों में चलते हैं।
4 耶和華啊,你曾將你的訓詞吩咐我們, 為要我們殷勤遵守。
तूने अपने उपदेश इसलिए दिए हैं, कि हम उसे यत्न से माने।
5 但願我行事堅定, 得以遵守你的律例。
भला होता कि तेरी विधियों को मानने के लिये मेरी चाल चलन दृढ़ हो जाए!
6 我看重你的一切命令, 就不至於羞愧。
तब मैं तेरी सब आज्ञाओं की ओर चित्त लगाए रहूँगा, और मैं लज्जित न होऊँगा।
7 我學了你公義的判語, 就要以正直的心稱謝你。
जब मैं तेरे धर्ममय नियमों को सीखूँगा, तब तेरा धन्यवाद सीधे मन से करूँगा।
8 我必守你的律例; 求你總不要丟棄我!
मैं तेरी विधियों को मानूँगा: मुझे पूरी रीति से न तज!
9 少年人用甚麼潔淨他的行為呢? 是要遵行你的話!
बेथ जवान अपनी चाल को किस उपाय से शुद्ध रखे? तेरे वचन का पालन करने से।
10 我一心尋求了你; 求你不要叫我偏離你的命令。
१०मैं पूरे मन से तेरी खोज में लगा हूँ; मुझे तेरी आज्ञाओं की बाट से भटकने न दे!
11 我將你的話藏在心裏, 免得我得罪你。
११मैंने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरुद्ध पाप न करूँ।
12 耶和華啊,你是應當稱頌的! 求你將你的律例教訓我!
१२हे यहोवा, तू धन्य है; मुझे अपनी विधियाँ सिखा!
13 我用嘴唇傳揚你口中的一切典章。
१३तेरे सब कहे हुए नियमों का वर्णन, मैंने अपने मुँह से किया है।
14 我喜悅你的法度, 如同喜悅一切的財物。
१४मैं तेरी चितौनियों के मार्ग से, मानो सब प्रकार के धन से हर्षित हुआ हूँ।
15 我要默想你的訓詞, 看重你的道路。
१५मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूँगा, और तेरे मार्गों की ओर दृष्टि रखूँगा।
16 我要在你的律例中自樂; 我不忘記你的話。
१६मैं तेरी विधियों से सुख पाऊँगा; और तेरे वचन को न भूलूँगा।
17 求你用厚恩待你的僕人,使我存活, 我就遵守你的話。
१७गिमेल अपने दास का उपकार कर कि मैं जीवित रहूँ, और तेरे वचन पर चलता रहूँ।
18 求你開我的眼睛, 使我看出你律法中的奇妙。
१८मेरी आँखें खोल दे, कि मैं तेरी व्यवस्था की अद्भुत बातें देख सकूँ।
19 我是在地上作寄居的; 求你不要向我隱瞞你的命令!
१९मैं तो पृथ्वी पर परदेशी हूँ; अपनी आज्ञाओं को मुझसे छिपाए न रख!
20 我時常切慕你的典章, 甚至心碎。
२०मेरा मन तेरे नियमों की अभिलाषा के कारण हर समय खेदित रहता है।
21 受咒詛、偏離你命令的驕傲人, 你已經責備他們。
२१तूने अभिमानियों को, जो श्रापित हैं, घुड़का है, वे तेरी आज्ञाओं से भटके हुए हैं।
22 求你除掉我所受的羞辱和藐視, 因我遵守你的法度。
२२मेरी नामधराई और अपमान दूर कर, क्योंकि मैं तेरी चितौनियों को पकड़े हूँ।
23 雖有首領坐着妄論我, 你僕人卻思想你的律例。
२३हाकिम भी बैठे हुए आपस में मेरे विरुद्ध बातें करते थे, परन्तु तेरा दास तेरी विधियों पर ध्यान करता रहा।
24 你的法度是我所喜樂的, 是我的謀士。
२४तेरी चितौनियाँ मेरा सुखमूल और मेरे मंत्री हैं।
25 我的性命幾乎歸於塵土; 求你照你的話將我救活!
२५दाल्थ मैं धूल में पड़ा हूँ; तू अपने वचन के अनुसार मुझ को जिला!
26 我述說我所行的,你應允了我; 求你將你的律例教訓我!
२६मैंने अपनी चाल चलन का तुझ से वर्णन किया है और तूने मेरी बात मान ली है; तू मुझ को अपनी विधियाँ सिखा!
27 求你使我明白你的訓詞, 我就思想你的奇事。
२७अपने उपदेशों का मार्ग मुझे समझा, तब मैं तेरे आश्चर्यकर्मों पर ध्यान करूँगा।
28 我的心因愁苦而消化; 求你照你的話使我堅立!
२८मेरा जीव उदासी के मारे गल चला है; तू अपने वचन के अनुसार मुझे सम्भाल!
29 求你使我離開奸詐的道, 開恩將你的律法賜給我!
२९मुझ को झूठ के मार्ग से दूर कर; और कृपा करके अपनी व्यवस्था मुझे दे।
30 我揀選了忠信的道, 將你的典章擺在我面前。
३०मैंने सच्चाई का मार्ग चुन लिया है, तेरे नियमों की ओर मैं चित्त लगाए रहता हूँ।
31 我持守你的法度; 耶和華啊,求你不要叫我羞愧!
३१मैं तेरी चितौनियों में लौलीन हूँ, हे यहोवा, मुझे लज्जित न होने दे!
32 你開廣我心的時候, 我就往你命令的道上直奔。
३२जब तू मेरा हियाव बढ़ाएगा, तब मैं तेरी आज्ञाओं के मार्ग में दौड़ूँगा।
33 耶和華啊,求你將你的律例指教我, 我必遵守到底!
३३हे हे यहोवा, मुझे अपनी विधियों का मार्ग सिखा दे; तब मैं उसे अन्त तक पकड़े रहूँगा।
34 求你賜我悟性,我便遵守你的律法, 且要一心遵守。
३४मुझे समझ दे, तब मैं तेरी व्यवस्था को पकड़े रहूँगा और पूर्ण मन से उस पर चलूँगा।
35 求你叫我遵行你的命令, 因為這是我所喜樂的。
३५अपनी आज्ञाओं के पथ में मुझ को चला, क्योंकि मैं उसी से प्रसन्न हूँ।
36 求你使我的心趨向你的法度, 不趨向非義之財。
३६मेरे मन को लोभ की ओर नहीं, अपनी चितौनियों ही की ओर फेर दे।
37 求你叫我轉眼不看虛假, 又叫我在你的道中生活。
३७मेरी आँखों को व्यर्थ वस्तुओं की ओर से फेर दे; तू अपने मार्ग में मुझे जिला।
38 你向敬畏你的人所應許的話, 求你向僕人堅定!
३८तेरा वादा जो तेरे भय माननेवालों के लिये है, उसको अपने दास के निमित्त भी पूरा कर।
39 求你使我所怕的羞辱遠離我, 因你的典章本為美。
३९जिस नामधराई से मैं डरता हूँ, उसे दूर कर; क्योंकि तेरे नियम उत्तम हैं।
40 我羨慕你的訓詞; 求你使我在你的公義上生活!
४०देख, मैं तेरे उपदेशों का अभिलाषी हूँ; अपने धर्म के कारण मुझ को जिला।
41 耶和華啊,願你照你的話,使你的慈愛, 就是你的救恩,臨到我身上,
४१वाव हे यहोवा, तेरी करुणा और तेरा किया हुआ उद्धार, तेरे वादे के अनुसार, मुझ को भी मिले;
42 我就有話回答那羞辱我的, 因我倚靠你的話。
४२तब मैं अपनी नामधराई करनेवालों को कुछ उत्तर दे सकूँगा, क्योंकि मेरा भरोसा, तेरे वचन पर है।
43 求你叫真理的話總不離開我口, 因我仰望你的典章。
४३मुझे अपने सत्य वचन कहने से न रोक क्योंकि मेरी आशा तेरे नियमों पर है।
44 我要常守你的律法, 直到永永遠遠。
४४तब मैं तेरी व्यवस्था पर लगातार, सदा सर्वदा चलता रहूँगा;
45 我要自由而行, 因我素來考究你的訓詞。
४५और मैं चौड़े स्थान में चला फिरा करूँगा, क्योंकि मैंने तेरे उपदेशों की सुधि रखी है।
46 我也要在君王面前論說你的法度, 並不至於羞愧。
४६और मैं तेरी चितौनियों की चर्चा राजाओं के सामने भी करूँगा, और लज्जित न होऊँगा;
47 我要在你的命令中自樂; 這命令素來是我所愛的。
४७क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं के कारण सुखी हूँ, और मैं उनसे प्रीति रखता हूँ।
48 我又要遵行你的命令, 這命令素來是我所愛的; 我也要思想你的律例。
४८मैं तेरी आज्ञाओं की ओर जिनमें मैं प्रीति रखता हूँ, हाथ फैलाऊँगा और तेरी विधियों पर ध्यान करूँगा।
49 求你記念向你僕人所應許的話, 叫我有盼望。
४९ज़ैन जो वादा तूने अपने दास को दिया है, उसे स्मरण कर, क्योंकि तूने मुझे आशा दी है।
50 這話將我救活了; 我在患難中,因此得安慰。
५०मेरे दुःख में मुझे शान्ति उसी से हुई है, क्योंकि तेरे वचन के द्वारा मैंने जीवन पाया है।
51 驕傲的人甚侮慢我, 我卻未曾偏離你的律法。
५१अहंकारियों ने मुझे अत्यन्त ठट्ठे में उड़ाया है, तो भी मैं तेरी व्यवस्था से नहीं हटा।
52 耶和華啊,我記念你從古以來的典章, 就得了安慰。
५२हे यहोवा, मैंने तेरे प्राचीन नियमों को स्मरण करके शान्ति पाई है।
53 我見惡人離棄你的律法, 就怒氣發作,猶如火燒。
५३जो दुष्ट तेरी व्यवस्था को छोड़े हुए हैं, उनके कारण मैं क्रोध से जलता हूँ।
54 我在世寄居, 素來以你的律例為詩歌。
५४जहाँ मैं परदेशी होकर रहता हूँ, वहाँ तेरी विधियाँ, मेरे गीत गाने का विषय बनी हैं।
55 耶和華啊,我夜間記念你的名, 遵守你的律法。
५५हे यहोवा, मैंने रात को तेरा नाम स्मरण किया, और तेरी व्यवस्था पर चला हूँ।
56 我所以如此, 是因我守你的訓詞。
५६यह मुझसे इस कारण हुआ, कि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए था।
57 耶和華是我的福分; 我曾說,我要遵守你的言語。
५७हेथ यहोवा मेरा भाग है; मैंने तेरे वचनों के अनुसार चलने का निश्चय किया है।
58 我一心求過你的恩; 願你照你的話憐憫我!
५८मैंने पूरे मन से तुझे मनाया है; इसलिए अपने वादे के अनुसार मुझ पर दया कर।
59 我思想我所行的道, 就轉步歸向你的法度。
५९मैंने अपनी चाल चलन को सोचा, और तेरी चितौनियों का मार्ग लिया।
60 我急忙遵守你的命令, 並不遲延。
६०मैंने तेरी आज्ञाओं के मानने में विलम्ब नहीं, फुर्ती की है।
61 惡人的繩索纏繞我, 我卻沒有忘記你的律法。
६१मैं दुष्टों की रस्सियों से बन्ध गया हूँ, तो भी मैं तेरी व्यवस्था को नहीं भूला।
62 我因你公義的典章, 半夜必起來稱謝你。
६२तेरे धर्ममय नियमों के कारण मैं आधी रात को तेरा धन्यवाद करने को उठूँगा।
63 凡敬畏你、守你訓詞的人, 我都與他作伴。
६३जितने तेरा भय मानते और तेरे उपदेशों पर चलते हैं, उनका मैं संगी हूँ।
64 耶和華啊,你的慈愛遍滿大地; 求你將你的律例教訓我!
६४हे यहोवा, तेरी करुणा पृथ्वी में भरी हुई है; तू मुझे अपनी विधियाँ सिखा!
65 耶和華啊,你向來是照你的話善待僕人。
६५टेथ हे यहोवा, तूने अपने वचन के अनुसार अपने दास के संग भलाई की है।
66 求你將精明和知識賜給我, 因我信了你的命令。
६६मुझे भली विवेक-शक्ति और समझ दे, क्योंकि मैंने तेरी आज्ञाओं का विश्वास किया है।
67 我未受苦以先走迷了路, 現在卻遵守你的話。
६७उससे पहले कि मैं दुःखित हुआ, मैं भटकता था; परन्तु अब मैं तेरे वचन को मानता हूँ।
68 你本為善,所行的也善; 求你將你的律例教訓我!
६८तू भला है, और भला करता भी है; मुझे अपनी विधियाँ सिखा।
69 驕傲人編造謊言攻擊我, 我卻要一心守你的訓詞。
६९अभिमानियों ने तो मेरे विरुद्ध झूठ बात गढ़ी है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों को पूरे मन से पकड़े रहूँगा।
70 他們心蒙脂油, 我卻喜愛你的律法。
७०उनका मन मोटा हो गया है, परन्तु मैं तेरी व्यवस्था के कारण सुखी हूँ।
71 我受苦是與我有益, 為要使我學習你的律例。
७१मुझे जो दुःख हुआ वह मेरे लिये भला ही हुआ है, जिससे मैं तेरी विधियों को सीख सकूँ।
72 你口中的訓言與我有益, 勝於千萬的金銀。
७२तेरी दी हुई व्यवस्था मेरे लिये हजारों रुपयों और मुहरों से भी उत्तम है।
73 你的手製造我,建立我; 求你賜我悟性,可以學習你的命令!
७३योध तेरे हाथों से मैं बनाया और रचा गया हूँ; मुझे समझ दे कि मैं तेरी आज्ञाओं को सीखूँ।
74 敬畏你的人見我就要歡喜, 因我仰望你的話。
७४तेरे डरवैये मुझे देखकर आनन्दित होंगे, क्योंकि मैंने तेरे वचन पर आशा लगाई है।
75 耶和華啊,我知道你的判語是公義的; 你使我受苦是以誠實待我。
७५हे यहोवा, मैं जान गया कि तेरे नियम धर्ममय हैं, और तूने अपने सच्चाई के अनुसार मुझे दुःख दिया है।
76 求你照着應許僕人的話, 以慈愛安慰我。
७६मुझे अपनी करुणा से शान्ति दे, क्योंकि तूने अपने दास को ऐसा ही वादा दिया है।
77 願你的慈悲臨到我,使我存活, 因你的律法是我所喜愛的。
७७तेरी दया मुझ पर हो, तब मैं जीवित रहूँगा; क्योंकि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी हूँ।
78 願驕傲人蒙羞,因為他們無理地傾覆我; 但我要思想你的訓詞。
७८अहंकारी लज्जित किए जाए, क्योंकि उन्होंने मुझे झूठ के द्वारा गिरा दिया है; परन्तु मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूँगा।
79 願敬畏你的人歸向我, 他們就知道你的法度。
७९जो तेरा भय मानते हैं, वह मेरी ओर फिरें, तब वे तेरी चितौनियों को समझ लेंगे।
80 願我的心在你的律例上完全, 使我不致蒙羞。
८०मेरा मन तेरी विधियों के मानने में सिद्ध हो, ऐसा न हो कि मुझे लज्जित होना पड़े।
81 我心渴想你的救恩, 仰望你的應許。
८१क़ाफ मेरा प्राण तेरे उद्धार के लिये बैचेन है; परन्तु मुझे तेरे वचन पर आशा रहती है।
82 我因盼望你的應許眼睛失明,說: 你何時安慰我?
८२मेरी आँखें तेरे वादे के पूरे होने की बाट जोहते-जोहते धुंधली पड़ गईं है; और मैं कहता हूँ कि तू मुझे कब शान्ति देगा?
83 我好像煙薰的皮袋, 卻不忘記你的律例。
८३क्योंकि मैं धुएँ में की कुप्पी के समान हो गया हूँ, तो भी तेरी विधियों को नहीं भूला।
84 你僕人的年日有多少呢? 你幾時向逼迫我的人施行審判呢?
८४तेरे दास के कितने दिन रह गए हैं? तू मेरे पीछे पड़े हुओं को दण्ड कब देगा?
85 不從你律法的驕傲人為我掘了坑。
८५अहंकारी जो तेरी व्यवस्था के अनुसार नहीं चलते, उन्होंने मेरे लिये गड्ढे खोदे हैं।
86 你的命令盡都誠實; 他們無理地逼迫我,求你幫助我!
८६तेरी सब आज्ञाएँ विश्वासयोग्य हैं; वे लोग झूठ बोलते हुए मेरे पीछे पड़े हैं; तू मेरी सहायता कर!
87 他們幾乎把我從世上滅絕, 但我沒有離棄你的訓詞。
८७वे मुझ को पृथ्वी पर से मिटा डालने ही पर थे, परन्तु मैंने तेरे उपदेशों को नहीं छोड़ा।
88 求你照你的慈愛將我救活, 我就遵守你口中的法度。
८८अपनी करुणा के अनुसार मुझ को जिला, तब मैं तेरी दी हुई चितौनी को मानूँगा।
89 耶和華啊,你的話安定在天, 直到永遠。
८९लामेध हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है।
90 你的誠實存到萬代; 你堅定了地,地就長存。
९०तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है; तूने पृथ्वी को स्थिर किया, इसलिए वह बनी है।
91 天地照你的安排存到今日; 萬物都是你的僕役。
९१वे आज के दिन तक तेरे नियमों के अनुसार ठहरे हैं; क्योंकि सारी सृष्टि तेरे अधीन है।
92 我若不是喜愛你的律法, 早就在苦難中滅絕了!
९२यदि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी न होता, तो मैं दुःख के समय नाश हो जाता।
93 我永不忘記你的訓詞, 因你用這訓詞將我救活了。
९३मैं तेरे उपदेशों को कभी न भूलूँगा; क्योंकि उन्हीं के द्वारा तूने मुझे जिलाया है।
94 我是屬你的,求你救我, 因我尋求了你的訓詞。
९४मैं तेरा ही हूँ, तू मेरा उद्धार कर; क्योंकि मैं तेरे उपदेशों की सुधि रखता हूँ।
95 惡人等待我,要滅絕我, 我卻要揣摩你的法度。
९५दुष्ट मेरा नाश करने के लिये मेरी घात में लगे हैं; परन्तु मैं तेरी चितौनियों पर ध्यान करता हूँ।
96 我看萬事盡都有限, 惟有你的命令極其寬廣。
९६मैंने देखा है कि प्रत्येक पूर्णता की सीमा होती है, परन्तु तेरी आज्ञा का विस्तार बड़ा और सीमा से परे है।
97 我何等愛慕你的律法, 終日不住地思想。
९७मीम आहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूँ! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है।
98 你的命令常存在我心裏, 使我比仇敵有智慧。
९८तू अपनी आज्ञाओं के द्वारा मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान करता है, क्योंकि वे सदा मेरे मन में रहती हैं।
99 我比我的師傅更通達, 因我思想你的法度。
९९मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूँ, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है।
100 我比年老的更明白, 因我守了你的訓詞。
१००मैं पुरनियों से भी समझदार हूँ, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए हूँ।
101 我禁止我腳走一切的邪路, 為要遵守你的話。
१०१मैंने अपने पाँवों को हर एक बुरे रास्ते से रोक रखा है, जिससे मैं तेरे वचन के अनुसार चलूँ।
102 我沒有偏離你的典章, 因為你教訓了我。
१०२मैं तेरे नियमों से नहीं हटा, क्योंकि तू ही ने मुझे शिक्षा दी है।
103 你的言語在我上膛何等甘美, 在我口中比蜜更甜!
१०३तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुँह में मधु से भी मीठे हैं!
104 我藉着你的訓詞得以明白, 所以我恨一切的假道。
१०४तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूँ, इसलिए मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूँ।
105 你的話是我腳前的燈, 是我路上的光。
१०५नून तेरा वचन मेरे पाँव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है।
106 你公義的典章,我曾起誓遵守, 我必按誓而行。
१०६मैंने शपथ खाई, और ठान लिया है कि मैं तेरे धर्ममय नियमों के अनुसार चलूँगा।
107 我甚是受苦; 耶和華啊,求你照你的話將我救活!
१०७मैं अत्यन्त दुःख में पड़ा हूँ; हे यहोवा, अपने वादे के अनुसार मुझे जिला।
108 耶和華啊,求你悅納我口中的讚美為供物, 又將你的典章教訓我!
१०८हे यहोवा, मेरे वचनों को स्वेच्छाबलि जानकर ग्रहण कर, और अपने नियमों को मुझे सिखा।
109 我的性命常在危險之中, 我卻不忘記你的律法。
१०९मेरा प्राण निरन्तर मेरी हथेली पर रहता है, तो भी मैं तेरी व्यवस्था को भूल नहीं गया।
110 惡人為我設下網羅, 我卻沒有偏離你的訓詞。
११०दुष्टों ने मेरे लिये फंदा लगाया है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों के मार्ग से नहीं भटका।
111 我以你的法度為永遠的產業, 因這是我心中所喜愛的。
१११मैंने तेरी चितौनियों को सदा के लिये अपना निज भागकर लिया है, क्योंकि वे मेरे हृदय के हर्ष का कारण है।
112 我的心專向你的律例, 永遠遵行,一直到底。
११२मैंने अपने मन को इस बात पर लगाया है, कि अन्त तक तेरी विधियों पर सदा चलता रहूँ।
113 心懷二意的人為我所恨; 但你的律法為我所愛。
११३सामेख मैं दुचित्तों से तो बैर रखता हूँ, परन्तु तेरी व्यवस्था से प्रीति रखता हूँ।
114 你是我藏身之處,又是我的盾牌; 我甚仰望你的話語。
११४तू मेरी आड़ और ढाल है; मेरी आशा तेरे वचन पर है।
115 作惡的人哪,你們離開我吧! 我好遵守我上帝的命令。
११५हे कुकर्मियों, मुझसे दूर हो जाओ, कि मैं अपने परमेश्वर की आज्ञाओं को पकड़े रहूँ!
116 求你照你的話扶持我,使我存活, 也不叫我因失望而害羞。
११६हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे सम्भाल, कि मैं जीवित रहूँ, और मेरी आशा को न तोड़!
117 求你扶持我,我便得救, 時常看重你的律例。
११७मुझे थामे रख, तब मैं बचा रहूँगा, और निरन्तर तेरी विधियों की ओर चित्त लगाए रहूँगा!
118 凡偏離你律例的人,你都輕棄他們, 因為他們的詭詐必歸虛空。
११८जितने तेरी विधियों के मार्ग से भटक जाते हैं, उन सब को तू तुच्छ जानता है, क्योंकि उनकी चतुराई झूठ है।
119 凡地上的惡人,你除掉他,好像除掉渣滓; 因此我愛你的法度。
११९तूने पृथ्वी के सब दुष्टों को धातु के मैल के समान दूर किया है; इस कारण मैं तेरी चितौनियों से प्रीति रखता हूँ।
120 我因懼怕你,肉就發抖; 我也怕你的判語。
१२०तेरे भय से मेरा शरीर काँप उठता है, और मैं तेरे नियमों से डरता हूँ।
121 我行過公平和公義, 求你不要撇下我給欺壓我的人!
१२१ऐन मैंने तो न्याय और धर्म का काम किया है; तू मुझे अत्याचार करनेवालों के हाथ में न छोड़।
122 求你為僕人作保,使我得好處, 不容驕傲人欺壓我!
१२२अपने दास की भलाई के लिये जामिन हो, ताकि अहंकारी मुझ पर अत्याचार न करने पाएँ।
123 我因盼望你的救恩 和你公義的話眼睛失明。
१२३मेरी आँखें तुझ से उद्धार पाने, और तेरे धर्ममय वचन के पूरे होने की बाट जोहते-जोहते धुँधली पड़ गई हैं।
124 求你照你的慈愛待僕人, 將你的律例教訓我。
१२४अपने दास के संग अपनी करुणा के अनुसार बर्ताव कर, और अपनी विधियाँ मुझे सिखा।
125 我是你的僕人,求你賜我悟性, 使我得知你的法度。
१२५मैं तेरा दास हूँ, तू मुझे समझ दे कि मैं तेरी चितौनियों को समझूँ।
126 這是耶和華降罰的時候, 因人廢了你的律法。
१२६वह समय आया है, कि यहोवा काम करे, क्योंकि लोगों ने तेरी व्यवस्था को तोड़ दिया है।
127 所以,我愛你的命令勝於金子, 更勝於精金。
१२७इस कारण मैं तेरी आज्ञाओं को सोने से वरन् कुन्दन से भी अधिक प्रिय मानता हूँ।
128 你一切的訓詞,在萬事上我都以為正直; 我卻恨惡一切假道。
१२८इसी कारण मैं तेरे सब उपदेशों को सब विषयों में ठीक जानता हूँ; और सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूँ।
129 你的法度奇妙, 所以我一心謹守。
१२९पे तेरी चितौनियाँ अद्भुत हैं, इस कारण मैं उन्हें अपने जी से पकड़े हुए हूँ।
130 你的言語一解開就發出亮光, 使愚人通達。
१३०तेरी बातों के खुलने से प्रकाश होता है; उससे निर्बुद्धि लोग समझ प्राप्त करते हैं।
131 我張口而氣喘, 因我切慕你的命令。
१३१मैं मुँह खोलकर हाँफने लगा, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं का प्यासा था।
132 求你轉向我,憐憫我, 好像你素常待那些愛你名的人。
१३२जैसी तेरी रीति अपने नाम के प्रीति रखनेवालों से है, वैसे ही मेरी ओर भी फिरकर मुझ पर दया कर।
133 求你用你的話使我腳步穩當, 不許甚麼罪孽轄制我。
१३३मेरे पैरों को अपने वचन के मार्ग पर स्थिर कर, और किसी अनर्थ बात को मुझ पर प्रभुता न करने दे।
134 求你救我脫離人的欺壓, 我要遵守你的訓詞。
१३४मुझे मनुष्यों के अत्याचार से छुड़ा ले, तब मैं तेरे उपदेशों को मानूँगा।
135 求你用臉光照僕人, 又將你的律例教訓我。
१३५अपने दास पर अपने मुख का प्रकाश चमका दे, और अपनी विधियाँ मुझे सिखा।
136 我的眼淚下流成河, 因為他們不守你的律法。
१३६मेरी आँखों से आँसुओं की धारा बहती रहती है, क्योंकि लोग तेरी व्यवस्था को नहीं मानते।
137 耶和華啊,你是公義的; 你的判語也是正直的!
१३७सांदे हे यहोवा तू धर्मी है, और तेरे नियम सीधे हैं।
138 你所命定的法度是憑公義和至誠。
१३८तूने अपनी चितौनियों को धर्म और पूरी सत्यता से कहा है।
139 我心焦急,如同火燒, 因我敵人忘記你的言語。
१३९मैं तेरी धुन में भस्म हो रहा हूँ, क्योंकि मेरे सतानेवाले तेरे वचनों को भूल गए हैं।
140 你的話極其精煉, 所以你的僕人喜愛。
१४०तेरा वचन पूरी रीति से ताया हुआ है, इसलिए तेरा दास उसमें प्रीति रखता है।
141 我微小,被人藐視, 卻不忘記你的訓詞。
१४१मैं छोटा और तुच्छ हूँ, तो भी मैं तेरे उपदेशों को नहीं भूलता।
142 你的公義永遠長存; 你的律法盡都真實。
१४२तेरा धर्म सदा का धर्म है, और तेरी व्यवस्था सत्य है।
143 我遭遇患難愁苦, 你的命令卻是我所喜愛的。
१४३मैं संकट और सकेती में फँसा हूँ, परन्तु मैं तेरी आज्ञाओं से सुखी हूँ।
144 你的法度永遠是公義的; 求你賜我悟性,我就活了。
१४४तेरी चितौनियाँ सदा धर्ममय हैं; तू मुझ को समझ दे कि मैं जीवित रहूँ।
145 耶和華啊,我一心呼籲你; 求你應允我,我必謹守你的律例!
१४५क़ाफ़ मैंने सारे मन से प्रार्थना की है, हे यहोवा मेरी सुन! मैं तेरी विधियों को पकड़े रहूँगा।
146 我向你呼籲,求你救我! 我要遵守你的法度。
१४६मैंने तुझ से प्रार्थना की है, तू मेरा उद्धार कर, और मैं तेरी चितौनियों को माना करूँगा।
147 我趁天未亮呼求; 我仰望了你的言語。
१४७मैंने पौ फटने से पहले दुहाई दी; मेरी आशा तेरे वचनों पर थी।
148 我趁夜更未換將眼睜開, 為要思想你的話語。
१४८मेरी आँखें रात के एक-एक पहर से पहले खुल गईं, कि मैं तेरे वचन पर ध्यान करूँ।
149 求你照你的慈愛聽我的聲音; 耶和華啊,求你照你的典章將我救活!
१४९अपनी करुणा के अनुसार मेरी सुन ले; हे यहोवा, अपनी नियमों के रीति अनुसार मुझे जीवित कर।
150 追求奸惡的人臨近了; 他們遠離你的律法。
१५०जो दुष्टता की धुन में हैं, वे निकट आ गए हैं; वे तेरी व्यवस्था से दूर हैं।
151 耶和華啊,你與我相近; 你一切的命令盡都真實!
१५१हे यहोवा, तू निकट है, और तेरी सब आज्ञाएँ सत्य हैं।
152 我因學你的法度, 久已知道是你永遠立定的。
१५२बहुत काल से मैं तेरी चितौनियों को जानता हूँ, कि तूने उनकी नींव सदा के लिये डाली है।
153 求你看顧我的苦難,搭救我, 因我不忘記你的律法。
१५३रेश मेरे दुःख को देखकर मुझे छुड़ा ले, क्योंकि मैं तेरी व्यवस्था को भूल नहीं गया।
154 求你為我辨屈,救贖我, 照你的話將我救活。
१५४मेरा मुकद्दमा लड़, और मुझे छुड़ा ले; अपने वादे के अनुसार मुझ को जिला।
155 救恩遠離惡人, 因為他們不尋求你的律例。
१५५दुष्टों को उद्धार मिलना कठिन है, क्योंकि वे तेरी विधियों की सुधि नहीं रखते।
156 耶和華啊,你的慈悲本為大; 求你照你的典章將我救活。
१५६हे यहोवा, तेरी दया तो बड़ी है; इसलिए अपने नियमों के अनुसार मुझे जिला।
157 逼迫我的,抵擋我的,很多, 我卻沒有偏離你的法度。
१५७मेरा पीछा करनेवाले और मेरे सतानेवाले बहुत हैं, परन्तु मैं तेरी चितौनियों से नहीं हटता।
158 我看見奸惡的人就甚憎惡, 因為他們不遵守你的話。
१५८मैं विश्वासघातियों को देखकर घृणा करता हूँ; क्योंकि वे तेरे वचन को नहीं मानते।
159 你看我怎樣愛你的訓詞! 耶和華啊,求你照你的慈愛將我救活!
१५९देख, मैं तेरे उपदेशों से कैसी प्रीति रखता हूँ! हे यहोवा, अपनी करुणा के अनुसार मुझ को जिला।
160 你話的總綱是真實; 你一切公義的典章是永遠長存。
१६०तेरा सारा वचन सत्य ही है; और तेरा एक-एक धर्ममय नियम सदाकाल तक अटल है।
161 首領無故地逼迫我, 但我的心畏懼你的言語。
१६१शीन हाकिम व्यर्थ मेरे पीछे पड़े हैं, परन्तु मेरा हृदय तेरे वचनों का भय मानता है।
162 我喜愛你的話, 好像人得了許多擄物。
१६२जैसे कोई बड़ी लूट पाकर हर्षित होता है, वैसे ही मैं तेरे वचन के कारण हर्षित हूँ।
163 謊話是我所恨惡所憎嫌的; 惟你的律法是我所愛的。
१६३झूठ से तो मैं बैर और घृणा रखता हूँ, परन्तु तेरी व्यवस्था से प्रीति रखता हूँ।
164 我因你公義的典章一天七次讚美你。
१६४तेरे धर्ममय नियमों के कारण मैं प्रतिदिन सात बार तेरी स्तुति करता हूँ।
165 愛你律法的人有大平安, 甚麼都不能使他們絆腳。
१६५तेरी व्यवस्था से प्रीति रखनेवालों को बड़ी शान्ति होती है; और उनको कुछ ठोकर नहीं लगती।
166 耶和華啊,我仰望了你的救恩, 遵行了你的命令。
१६६हे यहोवा, मैं तुझ से उद्धार पाने की आशा रखता हूँ; और तेरी आज्ञाओं पर चलता आया हूँ।
167 我心裏守了你的法度; 這法度我甚喜愛。
१६७मैं तेरी चितौनियों को जी से मानता हूँ, और उनसे बहुत प्रीति रखता आया हूँ।
168 我遵守了你的訓詞和法度, 因我一切所行的都在你面前。
१६८मैं तेरे उपदेशों और चितौनियों को मानता आया हूँ, क्योंकि मेरी सारी चाल चलन तेरे सम्मुख प्रगट है।
169 耶和華啊,願我的呼籲達到你面前, 照你的話賜我悟性。
१६९ताव हे यहोवा, मेरी दुहाई तुझ तक पहुँचे; तू अपने वचन के अनुसार मुझे समझ दे!
170 願我的懇求達到你面前, 照你的話搭救我。
१७०मेरा गिड़गिड़ाना तुझ तक पहुँचे; तू अपने वचन के अनुसार मुझे छुड़ा ले।
171 願我的嘴發出讚美的話, 因為你將律例教訓我。
१७१मेरे मुँह से स्तुति निकला करे, क्योंकि तू मुझे अपनी विधियाँ सिखाता है।
172 願我的舌頭歌唱你的話, 因你一切的命令盡都公義。
१७२मैं तेरे वचन का गीत गाऊँगा, क्योंकि तेरी सब आज्ञाएँ धर्ममय हैं।
173 願你用手幫助我, 因我揀選了你的訓詞。
१७३तेरा हाथ मेरी सहायता करने को तैयार रहता है, क्योंकि मैंने तेरे उपदेशों को अपनाया है।
174 耶和華啊,我切慕你的救恩! 你的律法也是我所喜愛的。
१७४हे यहोवा, मैं तुझ से उद्धार पाने की अभिलाषा करता हूँ, मैं तेरी व्यवस्था से सुखी हूँ।
175 願我的性命存活,得以讚美你! 願你的典章幫助我!
१७५मुझे जिला, और मैं तेरी स्तुति करूँगा, तेरे नियमों से मेरी सहायता हो।
176 我如亡羊走迷了路,求你尋找僕人, 因我不忘記你的命令。
१७६मैं खोई हुई भेड़ के समान भटका हूँ; तू अपने दास को ढूँढ़ ले, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं को भूल नहीं गया।

< 詩篇 119 >