< יִרְמְיָהוּ 48 >

לְמֹואָ֡ב כֹּֽה־אָמַר֩ יְהוָ֨ה צְבָאֹ֜ות אֱלֹהֵ֣י יִשְׂרָאֵ֗ל הֹ֤וי אֶל־נְבֹו֙ כִּ֣י שֻׁדָּ֔דָה הֹבִ֥ישָׁה נִלְכְּדָ֖ה קִרְיָתָ֑יִם הֹבִ֥ישָׁה הַמִּשְׂגָּ֖ב וָחָֽתָּה׃ 1
मोआब के विषय इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा यह कहता है: “नबो पर हाय, क्योंकि वह नाश हो गया! किर्यातैम की आशा टूट गई, वह ले लिया गया है; ऊँचा गढ़ निराश और विस्मित हो गया है।
אֵ֣ין עֹוד֮ תְּהִלַּ֣ת מֹואָב֒ בְּחֶשְׁבֹּ֗ון חָשְׁב֤וּ עָלֶ֙יהָ֙ רָעָ֔ה לְכ֖וּ וְנַכְרִיתֶ֣נָּה מִגֹּ֑וי גַּם־מַדְמֵ֣ן תִּדֹּ֔מִּי אַחֲרַ֖יִךְ תֵּ֥לֶךְ חָֽרֶב׃ 2
मोआब की प्रशंसा जाती रही। हेशबोन में उसकी हानि की कल्पना की गई है: ‘आओ, हम उसको ऐसा नाश करें कि वह राज्य न रह जाए।’ हे मदमेन, तू भी सुनसान हो जाएगा; तलवार तेरे पीछे पड़ेगी।
קֹ֥ול צְעָקָ֖ה מֵחֹֽרֹונָ֑יִם שֹׁ֖ד וָשֶׁ֥בֶר גָּדֹֽול׃ 3
“होरोनैम से चिल्लाहट का शब्द सुनो! नाश और बड़े दुःख का शब्द सुनाई देता है!
נִשְׁבְּרָ֖ה מֹואָ֑ב הִשְׁמִ֥יעוּ זְּעָקָ֖ה צְעֹורֶיהָ (צְעִירֶֽיהָ)׃ 4
मोआब का सत्यानाश हो रहा है; उसके नन्हें बच्चों की चिल्लाहट सुन पड़ी।
כִּ֚י מַעֲלֵ֣ה הַלֻּחֹות (הַלּוּחִ֔ית) בִּבְכִ֖י יַֽעֲלֶה־בֶּ֑כִי כִּ֚י בְּמֹורַ֣ד חֹורֹנַ֔יִם צָרֵ֥י צַֽעֲקַת־שֶׁ֖בֶר שָׁמֵֽעוּ׃ 5
क्योंकि लूहीत की चढ़ाई में लोग लगातार रोते हुए चढ़ेंगे; और होरोनैम की उतार में नाश की चिल्लाहट का संकट हुआ है।
נֻ֖סוּ מַלְּט֣וּ נַפְשְׁכֶ֑ם וְתִֽהְיֶ֕ינָה כַּעֲרֹועֵ֖ר בַּמִּדְבָּֽר׃ 6
भागो! अपना-अपना प्राण बचाओ! उस अधमूए पेड़ के समान हो जाओ जो जंगल में होता है!
כִּ֠י יַ֣עַן בִּטְחֵ֤ךְ בְּמַעֲשַׂ֙יִךְ֙ וּבְאֹ֣וצְרֹותַ֔יִךְ גַּם־אַ֖תְּ תִּלָּכֵ֑דִי וְיָצָ֤א כְמִישׁ (כְמֹושׁ֙) בַּגֹּולָ֔ה כֹּהֲנָ֥יו וְשָׂרָ֖יו יַחַד (יַחְדָּֽיו)׃ 7
क्योंकि तू जो अपने कामों और सम्पत्ति पर भरोसा रखता है, इस कारण तू भी पकड़ा जाएगा; और कमोश देवता भी अपने याजकों और हाकिमों समेत बँधुआई में जाएगा।
וְיָבֹ֨א שֹׁדֵ֜ד אֶל־כָּל־עִ֗יר וְעִיר֙ לֹ֣א תִמָּלֵ֔ט וְאָבַ֥ד הָעֵ֖מֶק וְנִשְׁמַ֣ד הַמִּישֹׁ֑ר אֲשֶׁ֖ר אָמַ֥ר יְהוָֽה׃ 8
यहोवा के वचन के अनुसार नाश करनेवाले तुम्हारे हर एक नगर पर चढ़ाई करेंगे, और कोई नगर न बचेगा; घाटीवाले और पहाड़ पर की चौरस भूमिवाले दोनों नाश किए जाएँगे।
תְּנוּ־צִ֣יץ לְמֹואָ֔ב כִּ֥י נָצֹ֖א תֵּצֵ֑א וְעָרֶ֙יהָ֙ לְשַׁמָּ֣ה תִֽהְיֶ֔ינָה מֵאֵ֥ין יֹושֵׁ֖ב בָּהֵֽן׃ 9
“मोआब के पंख लगा दो ताकि वह उड़कर दूर हो जाए; क्योंकि उसके नगर ऐसे उजाड़ हो जाएँगे कि उनमें कोई भी न बसने पाएगा।
אָר֗וּר עֹשֶׂ֛ה מְלֶ֥אכֶת יְהוָ֖ה רְמִיָּ֑ה וְאָר֕וּר מֹנֵ֥עַ חַרְבֹּ֖ו מִדָּֽם׃ 10
१०“श्रापित है वह जो यहोवा का काम आलस्य से करता है; और वह भी जो अपनी तलवार लहू बहाने से रोक रखता है।
שַׁאֲנַ֨ן מֹואָ֜ב מִנְּעוּרָ֗יו וְשֹׁקֵ֥ט הוּא֙ אֶל־שְׁמָרָ֔יו וְלֹֽא־הוּרַ֤ק מִכְּלִי֙ אֶל־כֶּ֔לִי וּבַגֹּולָ֖ה לֹ֣א הָלָ֑ךְ עַל־כֵּ֗ן עָמַ֤ד טַעְמֹו֙ בֹּ֔ו וְרֵיחֹ֖ו לֹ֥א נָמָֽר׃ ס 11
११“मोआब बचपन ही से सुखी है, उसके नीचे तलछट है, वह एक बर्तन से दूसरे बर्तन में उण्डेला नहीं गया और न बँधुआई में गया; इसलिए उसका स्वाद उसमें स्थिर है, और उसकी गन्ध ज्यों की त्यों बनी रहती है।
לָכֵ֞ן הִנֵּ֖ה־יָמִ֤ים בָּאִים֙ נְאֻם־יְהוָ֔ה וְשִׁלַּחְתִּי־לֹ֥ו צֹעִ֖ים וְצֵעֻ֑הוּ וְכֵלָ֣יו יָרִ֔יקוּ וְנִבְלֵיהֶ֖ם יְנַפֵּֽצוּ׃ 12
१२इस कारण यहोवा की यह वाणी है, ऐसे दिन आएँगे, कि मैं लोगों को उसके उण्डेलने के लिये भेजूँगा, और वे उसको उण्डेलेंगे, और जिन घड़ों में वह रखा हुआ है, उनको खाली करके फोड़ डालेंगे।
וּבֹ֥שׁ מֹואָ֖ב מִכְּמֹ֑ושׁ כַּאֲשֶׁר־בֹּ֙שׁוּ֙ בֵּ֣ית יִשְׂרָאֵ֔ל מִבֵּ֥ית אֵ֖ל מִבְטֶחָֽם׃ 13
१३तब जैसे इस्राएल के घराने को बेतेल से लज्जित होना पड़ा, जिस पर वे भरोसा रखते थे, वैसे ही मोआबी लोग कमोश से लज्जित होंगे।
אֵ֚יךְ תֹּֽאמְר֔וּ גִּבֹּורִ֖ים אֲנָ֑חְנוּ וְאַנְשֵׁי־חַ֖יִל לַמִּלְחָמָֽה׃ 14
१४“तुम कैसे कह सकते हो कि हम वीर और पराक्रमी योद्धा हैं?
שֻׁדַּ֤ד מֹואָב֙ וְעָרֶ֣יהָ עָלָ֔ה וּמִבְחַ֥ר בַּֽחוּרָ֖יו יָרְד֣וּ לַטָּ֑בַח נְאֻ֨ם־הַמֶּ֔לֶךְ יְהוָ֥ה צְבָאֹ֖ות שְׁמֹֽו׃ 15
१५मोआब तो नाश हुआ, उसके नगर भस्म हो गए और उसके चुने हुए जवान घात होने को उतर गए, राजाधिराज, जिसका नाम सेनाओं का यहोवा है, उसकी यही वाणी है।
קָרֹ֥וב אֵיד־מֹואָ֖ב לָבֹ֑וא וְרָ֣עָתֹ֔ו מִהֲרָ֖ה מְאֹֽד׃ 16
१६मोआब की विपत्ति निकट आ गई, और उसके संकट में पड़ने का दिन बहुत ही वेग से आता है।
נֻ֤דוּ לֹו֙ כָּל־סְבִיבָ֔יו וְכֹ֖ל יֹדְעֵ֣י שְׁמֹ֑ו אִמְר֗וּ אֵיכָ֤ה נִשְׁבַּר֙ מַטֵּה־עֹ֔ז מַקֵּ֖ל תִּפְאָרָֽה׃ 17
१७उसके आस-पास के सब रहनेवालों, और उसकी कीर्ति के सब जाननेवालों, उसके लिये विलाप करो; कहो, ‘हाय! यह मजबूत सोंटा और सुन्दर छड़ी कैसे टूट गई है?’
רְדִ֤י מִכָּבֹוד֙ יֹשְׁבֶי (וּשְׁבִ֣י) בַצָּמָ֔א יֹשֶׁ֖בֶת בַּת־דִּיבֹ֑ון כִּֽי־שֹׁדֵ֤ד מֹואָב֙ עָ֣לָה בָ֔ךְ שִׁחֵ֖ת מִבְצָרָֽיִךְ׃ 18
१८“हे दीबोन की रहनेवाली तू अपना वैभव छोड़कर प्यासी बैठी रह! क्योंकि मोआब के नाश करनेवाले ने तुझ पर चढ़ाई करके तेरे दृढ़ गढ़ों को नाश किया है।
אֶל־דֶּ֛רֶךְ עִמְדִ֥י וְצַפִּ֖י יֹושֶׁ֣בֶת עֲרֹועֵ֑ר שַׁאֲלִי־נָ֣ס וְנִמְלָ֔טָה אִמְרִ֖י מַה־נִּֽהְיָֽתָה׃ 19
१९हे अरोएर की रहनेवाली तू मार्ग में खड़ी होकर ताकती रह! जो भागता है उससे, और जो बच निकलती है उससे पूछ कि क्या हुआ है?
הֹבִ֥ישׁ מֹואָ֛ב כִּֽי־חַ֖תָּה הֵילִילִי (הֵילִ֣ילוּ ׀) וּזְעָקִי (וּֽזְעָ֑קוּ) הַגִּ֣ידוּ בְאַרְנֹ֔ון כִּ֥י שֻׁדַּ֖ד מֹואָֽב׃ 20
२०मोआब की आशा टूटेगी, वह विस्मित हो गया; तुम हाय-हाय करो और चिल्लाओ; अर्नोन में भी यह बताओ कि मोआब नाश हुआ है।
וּמִשְׁפָּ֥ט בָּ֖א אֶל־אֶ֣רֶץ הַמִּישֹׁ֑ר אֶל־חֹלֹ֥ון וְאֶל־יַ֖הְצָה וְעַל־מֹופָעַת (מֵיפָֽעַת)׃ 21
२१“चौरस भूमि के देश में होलोन, यहस, मेपात,
וְעַל־דִּיבֹ֣ון וְעַל־נְבֹ֔ו וְעַל־בֵּ֖ית דִּבְלָתָֽיִם׃ 22
२२दीबोन, नबो, बेतदिबलातैम,
וְעַ֧ל קִרְיָתַ֛יִם וְעַל־בֵּ֥ית גָּמ֖וּל וְעַל־בֵּ֥ית מְעֹֽון׃ 23
२३और किर्यातैम, बेतगामूल, बेतमोन,
וְעַל־קְרִיֹּ֖ות וְעַל־בָּצְרָ֑ה וְעַ֗ל כָּל־עָרֵי֙ אֶ֣רֶץ מֹואָ֔ב הָרְחֹקֹ֖ות וְהַקְּרֹבֹֽות׃ 24
२४और करिय्योत, बोस्रा, और क्या दूर क्या निकट, मोआब देश के सारे नगरों में दण्ड की आज्ञा पूरी हुई है।
נִגְדְּעָה֙ קֶ֣רֶן מֹואָ֔ב וּזְרֹעֹ֖ו נִשְׁבָּ֑רָה נְאֻ֖ם יְהוָֽה׃ 25
२५यहोवा की यह वाणी है, मोआब का सींग कट गया, और भुजा टूट गई है।
הַשְׁכִּירֻ֕הוּ כִּ֥י עַל־יְהוָ֖ה הִגְדִּ֑יל וְסָפַ֤ק מֹואָב֙ בְּקִיאֹ֔ו וְהָיָ֥ה לִשְׂחֹ֖ק גַּם־הֽוּא׃ 26
२६“उसको मतवाला करो, क्योंकि उसने यहोवा के विरुद्ध बड़ाई मारी है; इसलिए मोआब अपनी छाँट में लोटेगा, और उपहास में उड़ाया जाएगा।
וְאִ֣ם ׀ לֹ֣וא הַשְּׂחֹ֗ק הָיָ֤ה לְךָ֙ יִשְׂרָאֵ֔ל אִם־בְּגַנָּבִ֖ים נִמְצָאָה (נִמְצָ֑א) כִּֽי־מִדֵּ֧י דְבָרֶ֥יךָ בֹּ֖ו תִּתְנֹודָֽד׃ 27
२७क्या तूने भी इस्राएल को उपहास में नहीं उड़ाया? क्या वह चोरों के बीच पकड़ा गया था कि जब तू उसकी चर्चा करता तब तू सिर हिलाता था?
עִזְב֤וּ עָרִים֙ וְשִׁכְנ֣וּ בַּסֶּ֔לַע יֹשְׁבֵ֖י מֹואָ֑ב וִֽהְי֣וּ כְיֹונָ֔ה תְּקַנֵּ֖ן בְּעֶבְרֵ֥י פִי־פָֽחַת׃ 28
२८“हे मोआब के रहनेवालों अपने-अपने नगर को छोड़कर चट्टान की दरार में बसो! उस पंडुकी के समान हो जो गुफा के मुँह की एक ओर घोंसला बनाती हो।
שָׁמַ֥עְנוּ גְאֹון־מֹואָ֖ב גֵּאֶ֣ה מְאֹ֑ד גָּבְהֹ֧ו וּגְאֹונֹ֛ו וְגַאֲוָתֹ֖ו וְרֻ֥ם לִבֹּֽו׃ 29
२९हमने मोआब के गर्व के विषय में सुना है कि वह अत्यन्त अभिमानी है; उसका गर्व, अभिमान और अहंकार, और उसका मन फूलना प्रसिद्ध है।
אֲנִ֤י יָדַ֨עְתִּ֨י נְאֻם־יְהוָ֔ה עֶבְרָתֹ֖ו וְלֹא־כֵ֑ן בַּדָּ֖יו לֹא־כֵ֥ן עָשֽׂוּ׃ 30
३०यहोवा की यह वाणी है, मैं उसके रोष को भी जानता हूँ कि वह व्यर्थ ही है, उसके बड़े बोल से कुछ बन न पड़ा।
עַל־כֵּן֙ עַל־מֹואָ֣ב אֲיֵלִ֔יל וּלְמֹואָ֥ב כֻּלֹּ֖ה אֶזְעָ֑ק אֶל־אַנְשֵׁ֥י קִֽיר־חֶ֖רֶשׂ יֶהְגֶּֽה׃ 31
३१इस कारण मैं मोआबियों के लिये हाय-हाय करूँगा; हाँ मैं सारे मोआबियों के लिये चिल्लाऊँगा; कीरहेरेस के लोगों के लिये विलाप किया जाएगा।
מִבְּכִ֨י יַעְזֵ֤ר אֶבְכֶּה־לָּךְ֙ הַגֶּ֣פֶן שִׂבְמָ֔ה נְטִֽישֹׁתַ֙יִךְ֙ עָ֣בְרוּ יָ֔ם עַ֛ד יָ֥ם יַעְזֵ֖ר נָגָ֑עוּ עַל־קֵיצֵ֥ךְ וְעַל־בְּצִירֵ֖ךְ שֹׁדֵ֖ד נָפָֽל׃ 32
३२हे सिबमा की दाखलता, मैं तुम्हारे लिये याजेर से भी अधिक विलाप करूँगा! तेरी डालियाँ तो ताल के पार बढ़ गई, वरन् याजेर के ताल तक भी पहुँची थीं; पर नाश करनेवाला तेरे धूपकाल के फलों पर, और तोड़ी हुई दाखों पर भी टूट पड़ा है।
וְנֶאֶסְפָ֨ה שִׂמְחָ֥ה וָגִ֛יל מִכַּרְמֶ֖ל וּמֵאֶ֣רֶץ מֹואָ֑ב וְיַ֙יִן֙ מִיקָבִ֣ים הִשְׁבַּ֔תִּי לֹֽא־יִדְרֹ֣ךְ הֵידָ֔ד הֵידָ֖ד לֹ֥א הֵידָֽד׃ 33
३३फलवाली बारियों से और मोआब के देश से आनन्द और मगन होना उठ गया है; मैंने ऐसा किया कि दाखरस के कुण्डों में कुछ दाखमधु न रहा; लोग फिर ललकारते हुए दाख न रौंदेंगे; जो ललकार होनेवाली है, वह अब नहीं होगी।
מִזַּעֲקַ֨ת חֶשְׁבֹּ֜ון עַד־אֶלְעָלֵ֗ה עַד־יַ֙הַץ֙ נָתְנ֣וּ קֹולָ֔ם מִצֹּ֙עַר֙ עַד־חֹ֣רֹנַ֔יִם עֶגְלַ֖ת שְׁלִֽשִׁיָּ֑ה כִּ֚י גַּם־מֵ֣י נִמְרִ֔ים לִמְשַׁמֹּ֖ות יִהְיֽוּ׃ 34
३४“हेशबोन की चिल्लाहट सुनकर लोग एलाले और यहस तक, और सोअर से होरोनैम और एग्लत-शलीशिया तक भी चिल्लाते हुए भागे चले गए हैं। क्योंकि निम्रीम का जल भी सूख गया है।
וְהִשְׁבַּתִּ֥י לְמֹואָ֖ב נְאֻם־יְהוָ֑ה מַעֲלֶ֣ה בָמָ֔ה וּמַקְטִ֖יר לֵאלֹהָֽיו׃ 35
३५और यहोवा की यह वाणी है, कि मैं ऊँचे स्थान पर चढ़ावा चढ़ाना, और देवताओं के लिये धूप जलाना, दोनों को मोआब में बन्द कर दूँगा।
עַל־כֵּ֞ן לִבִּ֤י לְמֹואָב֙ כַּחֲלִלִ֣ים יֶהֱמֶ֔ה וְלִבִּי֙ אֶל־אַנְשֵׁ֣י קִֽיר־חֶ֔רֶשׂ כַּחֲלִילִ֖ים יֶהֱמֶ֑ה עַל־כֵּ֛ן יִתְרַ֥ת עָשָׂ֖ה אָבָֽדוּ׃ 36
३६इस कारण मेरा मन मोआब और कीरहेरेस के लोगों के लिये बाँसुरी सा रो रोकर अलापता है, क्योंकि जो कुछ उन्होंने कमाकर बचाया है, वह नाश हो गया है।
כִּ֤י כָל־רֹאשׁ֙ קָרְחָ֔ה וְכָל־זָקָ֖ן גְּרֻעָ֑ה עַ֤ל כָּל־יָדַ֙יִם֙ גְּדֻדֹ֔ת וְעַל־מָתְנַ֖יִם שָֽׂק׃ 37
३७क्योंकि सब के सिर मुँण्ड़े गए और सब की दाढ़ियाँ नोची गई; सब के हाथ चीरे हुए, और सब की कमर में टाट बन्धा हुआ है।
עַ֣ל כָּל־גַּגֹּ֥ות מֹואָ֛ב וּבִרְחֹבֹתֶ֖יהָ כֻּלֹּ֣ה מִסְפֵּ֑ד כִּֽי־שָׁבַ֣רְתִּי אֶת־מֹואָ֗ב כִּכְלִ֛י אֵֽין־חֵ֥פֶץ בֹּ֖ו נְאֻם־יְהוָֽה׃ 38
३८मोआब के सब घरों की छतों पर और सब चौकों में रोना पीटना हो रहा है; क्योंकि मैंने मोआब को तुच्छ बर्तन के समान तोड़ डाला है यहोवा की यह वाणी है।
אֵ֥יךְ חַ֙תָּה֙ הֵילִ֔ילוּ אֵ֛יךְ הִפְנָה־עֹ֥רֶף מֹואָ֖ב בֹּ֑ושׁ וְהָיָ֥ה מֹואָ֛ב לִשְׂחֹ֥ק וְלִמְחִתָּ֖ה לְכָל־סְבִיבָֽיו׃ ס 39
३९मोआब कैसे विस्मित हो गया! हाय, हाय, करो! क्योंकि उसने कैसे लज्जित होकर पीठ फेरी है! इस प्रकार मोआब के चारों ओर के सब रहनेवाले उसका ठट्ठा करेंगे और विस्मित हो जाएँगे।”
כִּי־כֹה֙ אָמַ֣ר יְהוָ֔ה הִנֵּ֥ה כַנֶּ֖שֶׁר יִדְאֶ֑ה וּפָרַ֥שׂ כְּנָפָ֖יו אֶל־מֹואָֽב׃ 40
४०क्योंकि यहोवा यह कहता है, “देखो, वह उकाब सा उड़ेगा और मोआब के ऊपर अपने पंख फैलाएगा।
נִלְכְּדָה֙ הַקְּרִיֹּ֔ות וְהַמְּצָדֹ֖ות נִתְפָּ֑שָׂה וְֽ֠הָיָה לֵ֞ב גִּבֹּורֵ֤י מֹואָב֙ בַּיֹּ֣ום הַה֔וּא כְּלֵ֖ב אִשָּׁ֥ה מְצֵרָֽה׃ 41
४१करिय्योत ले लिया गया, और गढ़वाले नगर दूसरों के वश में पड़ गए। उस दिन मोआबी वीरों के मन जच्चा स्त्री के से हो जाएँगे;
וְנִשְׁמַ֥ד מֹואָ֖ב מֵעָ֑ם כִּ֥י עַל־יְהוָ֖ה הִגְדִּֽיל׃ 42
४२और मोआब ऐसा तितर-बितर हो जाएगा कि उसका दल टूट जाएगा, क्योंकि उसने यहोवा के विरुद्ध बड़ाई मारी है।
פַּ֥חַד וָפַ֖חַת וָפָ֑ח עָלֶ֛יךָ יֹושֵׁ֥ב מֹואָ֖ב נְאֻם־יְהוָֽה׃ 43
४३यहोवा की यह वाणी है कि हे मोआब के रहनेवाले, तेरे लिये भय और गड्ढा और फंदे ठहराए गए हैं।
הַנִּיס (הַנָּ֞ס) מִפְּנֵ֤י הַפַּ֙חַד֙ יִפֹּ֣ל אֶל־הַפַּ֔חַת וְהָֽעֹלֶה֙ מִן־הַפַּ֔חַת יִלָּכֵ֖ד בַּפָּ֑ח כִּֽי־אָבִ֨יא אֵלֶ֧יהָ אֶל־מֹואָ֛ב שְׁנַ֥ת פְּקֻדָּתָ֖ם נְאֻם־יְהוָֽה׃ 44
४४जो कोई भय से भागे वह गड्ढे में गिरेगा, और जो कोई गड्ढे में से निकले, वह फंदे में फँसेगा। क्योंकि मैं मोआब के दण्ड का दिन उस पर ले आऊँगा, यहोवा की यही वाणी है।
בְּצֵ֥ל חֶשְׁבֹּ֛ון עָמְד֖וּ מִכֹּ֣חַ נָסִ֑ים כִּֽי־אֵ֞שׁ יָצָ֣א מֵחֶשְׁבֹּ֗ון וְלֶֽהָבָה֙ מִבֵּ֣ין סִיחֹ֔ון וַתֹּ֙אכַל֙ פְּאַ֣ת מֹואָ֔ב וְקָדְקֹ֖ד בְּנֵ֥י שָׁאֹֽון׃ 45
४५“जो भागे हुए हैं वह हेशबोन में शरण लेकर खड़े हो गए हैं; परन्तु हेशबोन से आग और सीहोन के बीच से लौ निकली, जिससे मोआब देश के कोने और बलवैयों के चोण्डे भस्म हो गए हैं।
אֹוי־לְךָ֣ מֹואָ֔ב אָבַ֖ד עַם־כְּמֹ֑ושׁ כִּֽי־לֻקְּח֤וּ בָנֶ֙יךָ֙ בַּשֶּׁ֔בִי וּבְנֹתֶ֖יךָ בַּשִּׁבְיָֽה׃ 46
४६हे मोआब तुझ पर हाय! कमोश की प्रजा नाश हो गई; क्योंकि तेरे स्त्री-पुरुष दोनों बँधुआई में गए हैं।
וְשַׁבְתִּ֧י שְׁבוּת־מֹואָ֛ב בְּאַחֲרִ֥ית הַיָּמִ֖ים נְאֻם־יְהוָ֑ה עַד־הֵ֖נָּה מִשְׁפַּ֥ט מֹואָֽב׃ ס 47
४७तो भी यहोवा की यह वाणी है कि अन्त के दिनों में मैं मोआब को बँधुआई से लौटा ले आऊँगा।” मोआब के दण्ड का वचन यहीं तक हुआ।

< יִרְמְיָהוּ 48 >