< תְהִלִּים 82 >

מִזְמֹ֗ור לְאָ֫סָ֥ף אֱ‍ֽלֹהִ֗ים נִצָּ֥ב בַּעֲדַת־אֵ֑ל בְּקֶ֖רֶב אֱלֹהִ֣ים יִשְׁפֹּֽט׃ 1
आसाप का भजन परमेश्वर दिव्य सभा में खड़ा है: वह ईश्वरों के बीच में न्याय करता है।
עַד־מָתַ֥י תִּשְׁפְּטוּ־עָ֑וֶל וּפְנֵ֥י רְ֝שָׁעִ֗ים תִּשְׂאוּ־סֶֽלָה׃ 2
“तुम लोग कब तक टेढ़ा न्याय करते और दुष्टों का पक्ष लेते रहोगे? (सेला)
שִׁפְטוּ־דַ֥ל וְיָתֹ֑ום עָנִ֖י וָרָ֣שׁ הַצְדִּֽיקוּ׃ 3
कंगाल और अनाथों का न्याय चुकाओ, दीन-दरिद्र का विचार धर्म से करो।
פַּלְּטוּ־דַ֥ל וְאֶבְיֹ֑ון מִיַּ֖ד רְשָׁעִ֣ים הַצִּֽילוּ׃ 4
कंगाल और निर्धन को बचा लो; दुष्टों के हाथ से उन्हें छुड़ाओ।”
לֹ֤א יָֽדְע֨וּ ׀ וְלֹ֥א יָבִ֗ינוּ בַּחֲשֵׁכָ֥ה יִתְהַלָּ֑כוּ יִ֝מֹּ֗וטוּ כָּל־מֹ֥וסְדֵי אָֽרֶץ׃ 5
वे न तो कुछ समझते और न कुछ जानते हैं, परन्तु अंधेरे में चलते फिरते रहते हैं; पृथ्वी की पूरी नींव हिल जाती है।
אֲ‍ֽנִי־אָ֭מַרְתִּי אֱלֹהִ֣ים אַתֶּ֑ם וּבְנֵ֖י עֶלְיֹ֣ון כֻּלְּכֶֽם׃ 6
मैंने कहा था “तुम ईश्वर हो, और सब के सब परमप्रधान के पुत्र हो;
אָ֭כֵן כְּאָדָ֣ם תְּמוּת֑וּן וּכְאַחַ֖ד הַשָּׂרִ֣ים תִּפֹּֽלוּ׃ 7
तो भी तुम मनुष्यों के समान मरोगे, और किसी प्रधान के समान गिर जाओगे।”
קוּמָ֣ה אֱ֭לֹהִים שָׁפְטָ֣ה הָאָ֑רֶץ כִּֽי־אַתָּ֥ה תִ֝נְחַ֗ל בְּכָל־הַגֹּויִֽם׃ 8
हे परमेश्वर उठ, पृथ्वी का न्याय कर; क्योंकि तू ही सब जातियों को अपने भाग में लेगा!

< תְהִלִּים 82 >